सन् १९७२ में, बॉब कोहेन, जो अमेरिका के ‘पीस कॉपर्स’ का एक कार्यकर्ता हैं, जीवन के अर्थ की तलाश में पूरे जगत में घूमकर, भारत के प्राचीन बंगाल के एक प्राचीन नगर में आ पहुँचता हैं ! वहाँ उस मायापुर की पवित्र भूमि में, एक छोटी सी बंसा की कुटिया में, वह एक महानतम भारतीय संत के चरणों में बैठता हैं, जो उसे उन सभी प्रश्नों के उत्तर देते हैं, जिनका उत्तर उसने कभी चाहा था
* Shipping charges extra as per delivery location.